नवरात्रि पूजा पटना में :
नवरात्रि, जिसका संस्कृत में अर्थ है "नौ रातें", देवी दुर्गा को समर्पित एक त्योहार है। प्रत्येक रात उनकी दिव्य अभिव्यक्तियों में से एक का प्रतिनिधित्व करती है, और भक्त उनका आशीर्वाद पाने के लिए विभिन्न अनुष्ठानों, नृत्यों और प्रार्थनाओं में संलग्न होते हैं। जीवंत रंग, लयबद्ध नृत्य और आध्यात्मिक उत्साह आनंद और एकता का माहौल बनाते हैं।नवरात्रि का त्योहार साल मे दो बार आता है। एक बार होली के महीने में जिसे चैत्र नवरात्रि कहा जाता है और दूसरी बार दशहरे के दौरन जिसे शारदीय नवरात्रि कहते हैं। दोनो ही बार 9 दिन मां के नौ रुपों की पूजा की जाती है। आठवें दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा की जाती है। इस दिन कन्या पूजन भी होता है।
नवरात्रि पूजन सामग्री : नौ दिन के लिए हवन सामग्री: नवरात्रि पर भक्त पूरे नौ दिन तक हवन करते हैं। इसके लिए हवन कुंड, आम की लकड़ी, काले तिल, रोली या कुमकुम, अक्षत(चावल), जौ, धूप, पंचमेवा, घी, लोबान, लौंग का जोड़ा, गुग्गल, कमल गट्टा, सुपारी, कपूर, हवन में चढ़ाने के लिए भोग, शुद्ध जल (आमचन के लिए)। माता रानी का श्रृंगार : श्रृंगार सामग्री माता रानी के लिए लेनी आवश्यक है। लाल चुनरी, चूड़ी, इत्र, सिंदूर, महावर, बिंदी, मेहंदी, काजल, बिछिया, माला, पायल, लाली व अन्य श्रृंगार के सामान।
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